tag:blogger.com,1999:blog-2446493380000559684.post4710986891939871494..comments2023-10-29T01:37:32.219-07:00Comments on divya prakash: स्वामी विवेकानंदAnonymoushttp://www.blogger.com/profile/08160854592562131489noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-2446493380000559684.post-41486501282633858972013-03-17T05:30:34.913-07:002013-03-17T05:30:34.913-07:00आदरनीय, विजय सिंगजी
गुगल पर ऎसे ही मन शांती के उ...आदरनीय, विजय सिंगजी <br /><br />गुगल पर ऎसे ही मन शांती के उपाय धुंड रहा था तो आपके वेब साईड की लींकं मीली . लेख पढने के बाद मुझे बहोत राहत मह्सुस हुई. और पढते-पढते मैने आपके सभी लेख पढ लीये और मेरे पास संग्राहीत भी कर लीये . मै आपके लेखन से बहोत ही प्रभावीत हुं लेख पढते वक्त ऎसा लगता है मानो कोई हमे बैठ कर समझा रहा हो . मेरा मानना है की इस तरह का लेख वही व्यक्ती लीख सकता है तो अंतर मुख हो . जिसके पास ग्यान हो. मुझे और मेरे जैसे लोगोको ग्यान की बाते सिखाने के लीये धन्यवाद <br /><br />निलेश राठोडAnonymousnoreply@blogger.com