tag:blogger.com,1999:blog-2446493380000559684.post4270224998592197011..comments2023-10-29T01:37:32.219-07:00Comments on divya prakash: जप कैसे करें- भाग २Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/08160854592562131489noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-2446493380000559684.post-12245472737160281292011-02-18T04:38:41.866-08:002011-02-18T04:38:41.866-08:00भाई राजे जी
शीर्षक से ही स्पष्ट है कि ये विचार सि...भाई राजे जी<br /> शीर्षक से ही स्पष्ट है कि ये विचार सिर्फ जप के बारे में हैं। <br />मनुष्य की संपूर्णता तभी है जब वह हर जगह और हर स्थिति में<br />ईश्वरीय निर्देशों का पालन करता हो। हमारा आचार- व्यवहार, हमारे विचार<br />और ईश्वर में पूर्ण विश्वास ही हमें मनुष्य बनाते हैं।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/08160854592562131489noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2446493380000559684.post-23175964613447290572011-02-18T04:05:26.719-08:002011-02-18T04:05:26.719-08:00लेकिन कोई व्यक्ित छुप छुप कर जप करता हुआ यह सो...लेकिन कोई व्यक्ित छुप छुप कर जप करता हुआ यह सोचे की वह तो परमात्मा की गुप्त साधना कर रहा है पर जब दुकान पर बैठे अहंकार दिखाये, गरीब को देखे दुत्कार भगाये, र्निबल को देखे तो सताये तो ऐसे व्यक्ित का जप तप एक बीमारीसे ज्यादा कुछ नहीं होता। तो इन जप तप जैसी चीजों से अच्छा है कि आदमी समझदार बने, किसी बात को समझे। ना कि किसी ने कहा है, किताबों में लिखा है इसलिये करने लगे। अपने स्वयं के तथ्यात्मक अनुभव को जाने। आदरणीय क्या ऐसा उचित नहीं रहेगा?Rajeyshahttps://www.blogger.com/profile/01568866646080185697noreply@blogger.com