tag:blogger.com,1999:blog-2446493380000559684.post3228745552848059423..comments2023-10-29T01:37:32.219-07:00Comments on divya prakash: कहां है भगवान शिव का श्मशानAnonymoushttp://www.blogger.com/profile/08160854592562131489noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-2446493380000559684.post-48825889972830870292011-06-03T17:02:53.066-07:002011-06-03T17:02:53.066-07:00आपका लेख पढ़ा तो कुछ प्रश्न मन में उभरे | आपने लिखा...आपका लेख पढ़ा तो कुछ प्रश्न मन में उभरे | आपने लिखा हैं शिव का श्मशान वह नहीं जिसे हम आम तौर पर समझते हैं, यानी की वह श्मशान जहाँ शवो का दाह संस्कार होता हैं | लेकिन ग्रंथो में तो शिव को औघड़ बताया गया जो कपाल (नर-मुंड का भाग) धारण किये रहते हैं | उसी तरह तंत्र शास्त्र में भी उन्हें महाकाल, भैरव की संज्ञा दी गयी हैं और श्मशान को शिव का क्रीड़ा-स्थल बताया हैं | श्मशान वह जगह हैं जहाँ आत्मा का उसके निर्जीव शरीर (माया) से बंधन टूट जाता हैं | एक तरह से श्रृष्टि के छोटे से भाग का संहार हो जाता हैं | शिव की विनाश-लीला, जो की एक सकारात्मक प्राकृतिक नियम हैं, नवीन सृजन का मार्ग प्रशस्त करता हैं, यह सब उन लोगों को स्मरण दिलाने के लिए हैं जो शव के साथ श्मशान आते हैं | इसीलिए अघोरी भी श्मशान में रह कर अपनी साधना करते हैं | उसी प्रकार , मणिकर्णिका घाट, जिसे महाश्मशान माना जाता हैं, वह भी विश्वनाथ की नगरी काशी (वाराणसी) में स्थित हैं | अगर शिव का शमशान स्थूल शमशान नहीं हैं, तो काशी एवं अन्य श्मशानो को शिव का निवास स्थान क्यों माना जाता हैं | भूत पिशाच, चुड़ैल, राक्षस इत्यादि उनके गण माने जाते हैं |<br /><br />उपरोक्त का यह मतलब कतई नहीं हैं हैं की आपकी शिव के श्मशान की व्याख्या अनुचित हैं | तात्पर्य केवल यह हैं की जिस तरह की व्याख्या आपने की हैं उस तरह शिव का श्मशान से सम्बन्ध की व्याख्या ग्रंथो में कहाँ हैं?अनुकेष पांडेnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2446493380000559684.post-72078253222907183452009-07-18T03:19:15.583-07:002009-07-18T03:19:15.583-07:00ati uttam lekhati uttam lekhAnonymousnoreply@blogger.com