Thursday, November 29, 2012

सुखद रहा शरद संगम



पिछले १८ से २४ नवंबर तक योगदा सत्संग सोसाइटी आफ इंडिया (वाईएसएस) की तरफ से आयोजित शरद संगम में हिस्सा लेना मेरे लिए अत्यंत सुखद अनुभव रहा। इस दौरान मैंने विभिन्न सत्संगों में हिस्सा लिया, गुरुदेव परमहंस योगानंद पर केंद्रित वीडियो फिल्म देखी, क्रिया दीक्षा समारोह में हिस्सा लिया और विभिन्न देशों के लोगों से मिला। इनमें से अमेरिका के इनसिनीटास के ब्रायन के साथ मुलाकात यादगार रही। ब्रायन महज २२ साल के हैं। लेकिन गहरे आध्यात्मिक हैं। वे कहते हैं- जीवन में ईश्वर को पाने के लिए साधना करना ही महत्वपूर्ण है। बाकी सारे काम सेकेंड्री हैं। वे हर आध्यात्मिक कार्यक्रम में भारी उत्साह से हिस्सा लेते थे। आते समय मुझसे मिलने के लिए शीत और ठंड में खड़े रहे। एक गुरुभाई का इतना प्रेम, इतना लगाव पाकर मैं धन्य हुआ। उन्होंने मुझे अपना संपर्क नंबर और ईमेल दिया। वे कुछ सिद्ध संतों से मिल चुके हैं। उनसे मुलाकात का वर्णन सुन कर मुझे बहुत अच्छा लगा। हम आश्रम में देर तक साधु- संतों के बारे में बातें करते रहे।

Wednesday, November 28, 2012

कब्ज पर एक और चर्चा



इस बार रांची प्रवास के दौरान मुझे कब्ज की भारी शिकायत हो गई। तब मैंने इसबगोल की भूसी का सेवन कर इससे छुटकारा पाया। वहां से लौटने के बाद कई जगह खोजबीन की कि कब्ज के कारणों पर एक बार फिर गौर कर सकूं। विशेषज्ञों ने कब्ज के ये लक्षण बताए हैं-
खुलकर शौच नहीं आना
नींद का नही आना
शरीर में कमजोरी
पेट में भारीपन महसूस होना
बार बार थोडा थोडा सिरदर्द होना
काम में मन नहीं लगना एवं उत्साह में कमी
आलस्य आना
भूख नहीं लगना
पेट में बहुत गैस बनना

हां। यह तो सच है कि १७ से २३ नवंबर के बीच मैं रात को लगातार तीन- चार घंटों से ज्यादा नहीं सो पाया। सुबह काफी गंभीर नाश्ता भी करता था। जब कब्ज हुआ तो मैं एक दिन फलाहार पर रहा और रात को हल्का भोजन किया। इससे बड़ा फायदा हुआ। एक दिन सुबह का नाश्ता छोड़ दिया। उसके बदले दो केले खाए। दिन में हल्का भोजन किया। इसके बाद इसबगोल की भूसी का सेवन। आखिरकार कब्ज से छुटकारा मिला। खुल कर शौच न आने से मल आतों के भीतर विष पैदा करता रहता है। नतीजा यह है कि शरीर और मन भारी रहता है। लेकिन चूंकि मैंने कब्ज तोड़ने के लिए तत्काल कारर्वाई की, इसलिए मुझे राहत मिल गई। विशेषज्ञों ने सलाह दी कि तली भुनी चीजों से मुझे दूर रहना चाहिए। वैसे भी मैं तली- भुनी चीजें पसंद नहीं करता। समोसे छूता तक नहीं हूं। पूड़ी, पराठे की तरफ देखता तक नहीं। खाना तो दूर की बात है। यह मेरे स्वभाव में शामिल है। फिर भी कब्ज हो ही गया। हां, मैं खूब पानी पीता था। फिर भी कब्ज था। मुझे याद आया- गुरुदेव परमहंस योगानंद जी ने कहा है कि आप अपनी ओर से सारे प्रयत्न कीजिए। इसके बाद ईश्वर पर छोड़ दीजिए। वे सब कुछ ठीक करेंगे। लेकिन अपने प्रयत्नों में कमी मत आने दीजिए।

Monday, November 26, 2012

शरीर के लिए मिनरल बहुत जरूरी



हमारे शरीर के लिए मिनरल यानी मैग्निशियम, कैल्शियम, पोटेशियम, सोडियम, क्लोराइड और फास्फोरस आदि बहुत जरूरी हैं। आइए जानें कि ये मिनरल किन खाद्य पदार्थों में पाए जाते हैं।
कैल्शियम मिलता है- दही, पनीर, दूध, हरी सब्जियों में (पालक, गोभी आदि में अधिक)।
पोटेशियम मिलता है- मीठा आलू, केला, टमाटर, गोभी, नारंगी, हरा टमाटर, हरी सब्जियां, दही, सोयाबीन आदि में।
मैग्निशियम मिलता है- पत्तेदार सब्जियों, केला, ब्राउन राइस, हरा मटर, सोयाबीन, सूखा फल बादाम आदि में।
सोडियम मिलता है- टमाटर, मक्खन आदि में।
क्लोराइड मिलता है- नमक, टमाटर, अंडे के सफेद हिस्से, नारियल, दूध उत्पाद, हरी पत्तियों वाली सब्जियों, मूली, दाल और चावल में।
फास्फोरस मिलता है- दाल, अनाज, दूध, अंडा और मटर आदि में।

Friday, November 16, 2012

शरद संगम में आठ दिन के लिए



मित्रों, रिटायरमेंट पर आप सबकी टिप्पणी के लिए हृदय से आभारी हूं।

फिलहाल अपने गुरुदेव परमहंस योगानंद जी के रांची आश्रम में हो रहे सालाना कार्यक्रम शरद संगम में आठ दिन के लिए जा रहा हूं। यह हर वर्ष होता है और इसमें देश- विदेश के अनेक भक्त आते हैं। परमहंस योगानंद जी की प्रसिद्ध पुस्तक- आटोबायोग्राफी आफ अ योगी (हिंदी में- योगी कथामृत के नाम से अनूदित) भारी संख्या में लोगों ने पढ़ी है और मुग्ध हुए हैं। उन्होंने सबसे पहले अमेरिका, यूरोप और समूची दुनिया में क्रिया योग का प्रसार किया था।

शरद संगम से लौट कर अपने अनुभवों को आपके साथ बांटूंगा। आपको पढ़ कर अच्छा लगेगा।
कृपया आठ दिन की छुट्टी दीजिए।

- विनय बिहारी सिंह

Thursday, November 15, 2012

रिटायर हो रहा हूं



मित्रों, अगले महीने ३१ दिसंबर को मैं इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप के अखबार जनसत्ता से रिटायर हो रहा हूं। यहां २१ वर्ष और कुछ महीने मैंने अपनी सेवाएं दीं। मैंने अपने काम को खूब इंज्वाय किया। खूब आनंद भरी नौकरी रही मेरी। हालांकि जीवन में सुख- दुख आते रहे। लेकिन नौकरी खूब इंज्वाय की। मेहनत की और आनंद भी उठाया।  इस दौरान मैं पत्रकार के तौर पर विभिन्न लोगों से मिला। उनके संबंध में समाचार लिखे। समाचार विश्लेषण लिखे। इंटरव्यू किए। यानी बहुआयामी काम किया। आज मुझे आफिशियली वह पत्र मिला जिसमें कहा गया है कि मैं इस साल ३१ दिसंबर को रिटायर हो रहा हूं। मुझे उम्मीद है कि मैं फिर किसी अन्य समाचार पत्र में पत्रकारिता करने लगूंगा। एक बार तो लगा कि मैंने अभी कितने दिन पहले अपने अखबार में ज्वाइन किया और देखिए कि रिटायरमेंट कितनी जल्दी आ गया। लेकिन २१ वर्ष कम नहीं होते। देखते- देखते बीत गए। बच्चे जो छोटे थे, अब प्रौढ़ हो गए हैं। नौकरी करते हैं। मैं जानता हूं, जब मैं दूसरे अखबार में नौकरी करने लगूंगा तो एक बार फिर व्यस्त हो जाऊंगा। जिंदगी पहले की तरह दौड़ने लगेगी। इंडियन एक्सप्रेस का साथ भले छूट रहा है, लेकिन इसके प्रति प्रेम तो बना ही रहेगा।

Monday, November 12, 2012

शुभ दीपावली





हमारे देश में कार्तिक अमावस्या को दीपावली का पर्व मनाया जाता है। मेरे पास कृष्ण प्रिया ने एक ई मेल भेजा है जिसमें दीपावली के महत्व को रेखांकित किया गया है।
१- दीपावली के दिन ही लक्ष्मी जी का जन्म हुआ था।
२- भगवान विष्णु ने इसी दिन वामन अवतार के रूप में राजा बालि के कैद से मां लक्ष्मी को छुड़ाया था।
३- भगवान कृष्ण ने राक्षस राजा नरकासुर का इसी दिन वध कर १६ हजार महिलाओं को कैद से मुक्त किया था।
४- पांडव १२ साल के अज्ञातवास के बाद इसी दिन वापस लौटे थे। वे जुए में हारने के कारण शर्त के मुताबिक अज्ञातवास में गए थे।
५- रावण का वध करने और लंका पर विजय पताका फहराने के बाद भगवान राम इसी दिन अयोध्या लौटे थे।
६- महान हिंदू राजा विक्रमादित्य ने आज ही के दिन दीपावली मनाने की शुरूआत की थी।
७- दीपावली के दिन आर्यसमाज के संस्थापक महर्षि दयानंद ने निर्वाण प्राप्त किया था।
८- दीपावली के दिन को सिख धर्म में भी महत्वपूर्ण माना जाता है।

Thursday, November 8, 2012

श्रद्धा और विश्वास




गीता में भगवान कृष्ण ने कहा है-

ये तु धर्म्यामृतमिदं यथोक्तं पर्युपासते।
श्रद्धधाना मत्परमा भक्तास्तेअतीव में प्रियाः।। (१२वें अध्याय का २०वां श्लोक)।

 गोस्वामी तुलसीदास ने कहा है-

बिनु बिस्वास भगति नहिं तेहि बिनु द्रवहिं न राम।
राम कृपा बिनु सपनेहुं जीव न लह बिश्रामु।।

यानी बिना श्रद्धा और विश्वास के ईश्वर का अनुभव असंभव है।

Tuesday, November 6, 2012

गीता का एक श्लोक


कायेन मनसा बुद्ध्या केवलैरिन्द्रियैरपि।
योगिनः कर्म कुर्वन्ति संगं त्यक्त्वात्मशुद्धये।।

योगी ममत्व बुद्धि रहित इंद्रिय, मन व बुद्धि के परे रहते हुए अंतःकरण की शुद्घि के लिए काम करते हैं।

Monday, November 5, 2012

माया महाठगिनी हम जानी


कबीर दास

माया महाठगिनि हम जानी।
निरगुन फांस लिए कर डोले बोलै मधुरी बानी।।
केशव के कमला ह्वै बैठी शिव के भवन भवानी।।
पंडा के मूरति ह्वै बैठी तीरथ में भई पानी।।
जोगी के जोगिन ह्वै बैठी राजा के घर रानी।।
काहू घर हीरा ह्वै बैठी काहू की कानी कौड़ी।।
भगतन के भगतिन ह्वै बैठी ब्रह्मा के ब्रह्मानी।।
कहत कबीर सुनो हो संतों यह सब अकथ कहानी।।

Saturday, November 3, 2012

एक बार फिर सूरदास की एक अन्य रचना पढ़ें



छांड़ि मन हरि विमुखन को संग।
जिनके संग कुबुद्धि उपजति है, परत भजन में भंग।।
कहां होत पय पान कराए, विष नहिं तजत भुजंग।।
कागहि कहा कपूर चुगाए, स्वान नहाए गंग।।
खर को कहा अरगजा लेपन, मरकट भूषण अंग।।
गज को कहा न्हवाये सरिता, बहुरि धरै खहि छंग।।
पाहन पतित बांस नहीं बेधत, रीतो करत निषंग।।
सूरदास खल काली कामरि, चढ़त न दूजो रंग।।

Friday, November 2, 2012

कबीरदास



मित्रों कबीरदास का एक विलक्षण पद प्रस्तुत कर रहा हूं। यह पद मुझे सर्वाधिक पसंद आता है-



रस गगन गुफा में अजर झरै।
बिन बाजा झनकार उठै जहं, समुझि परै जब ध्यान धरै।।
बिना ताल जहं कमल फुलाने, तेहि चढ़ि हंसा केलि करै।।
बिन चंदा उजियारी दरसै, जहं तहं हंसा नजर परै।।
दसवें द्वारे ताली लागी, अलख पुरुष जाको ध्यान धरै।।
काल कराल निकट नहिं आवै, काम क्रोध मद लोभ जरै।।
जुगन जुगन की तृषा बुझाती, करम भरम अघ ब्याधि टरै।।
कहै कबीर सुनो भई साधो, अमर होय कबहूं न मरै।।

Thursday, November 1, 2012

कबीरदास की एक और अद्भुत रचना


आठ पहर चौबीस घड़ी, मो मन यही अंदेश।
या नगरी पीतम बसै, मैं जानौं परदेश।।

पीतम को पतिया लिखूं, जो कहूं होय विदेश।
तन में मन में नैन में, ताको कहा संदेश।।

घर में रहे सूझे नहीं, करसों गहा न जाय।
मिला रहे औ ना मिले तासों कहा बसाय।।